Surprise Me!

तुम्हारे ही केंद्र का नाम है गुरु || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

2019-11-24 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१६ नवम्बर २०१४<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />दोहा:<br />गुरू गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पांय |<br />बलिहारी गुरू आपने , गोविन्द दियो मिलाय || (संत कबीर साहब)<br /><br />प्रसंग:<br />गुरु माने कौन?<br />माया क्या है?<br />क्या गुरु और माया यह एक ही सिक्के के दो अलग - अलग पहलू हैं?<br />साकार और निराकार गुरु में क्याअंतर होता है?<br />साकार और निराकार गुरु का क्या महत्व है?<br />क्या गुरु को सिर्फ़ शरीर मानना सही है?<br />क्या गुरु देह से आगे भी कुछ है?<br />गुरु और शिष्य के बीच कैसा रिश्ता होता है?<br />गुरु कबीर ऐसा क्यों कहते हैं कि 'गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने गोबिंद दियो मिलाय।।'

Buy Now on CodeCanyon